वाराणसी: ज्ञानवापी मामले पर वाराणसी जिला अदालत में एक और याचिका दायर की गई है. वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका के बाद अब काशी विश्वनाथ ट्रस्ट भी वाराणसी जिला अदालत पहुंचा है. वाराणसी जिला अदालत में याचिका दाखिल कर काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने व्यास जी ताहखाने के उपर नमाजियों की भीड़ पर रोक लगाने की मांग की है. इतना ही नहीं, ट्रस्ट ने अदालत व्यास जी तहखाने की मरम्मत की इजाजत की भी मांग की है.
दरअसल, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि व्यासजी ताहखाने के उपर ज्यादा संख्या में नमाजियों के इकट्ठा होने से जर्जर ताहखाने की छत कभी भी गिर सकती है. इसलिए अदालत आदेश दे कि उस एरिया मे अधिक संख्या में जा रहे नमाजियों की संख्या कम की जाए. इतना ही नहीं, अदालत से व्यास ताहखाने की मरम्मत की इजाजत की भी मांग की गई है.
याचिका में और क्या-क्या
याचिका में कहा गया है, ‘व्यासजी के तहखाने का छत जर्जर और कमजोर है. विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया अनावश्यक रूप से व्यास जी के छत पर इकट्ठा होकर छत तो क्षति पहुंचाकर गिराने अथवा ध्वस्त करने के चक्कर में पड़े हैं. क्योंकि वे तहखाने में पूजा-पाठ को रोकने की फिराक में हैं.’ बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर में मौजूद आठ तहखानों के सर्वे का आदेश देने की मांग वाली याचिका भी दायर है.
जिला अदालत में यह मामला भी है
दरअसल, जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित शेष आठ तहखानों सहित सम्पूर्ण परिसर के सर्वेक्षण का आदेश देने का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की है. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बीते दिनों ने जानकारी दी थी कि याचिका पर सुनवाई के लिए प्रभारी जिला न्यायाधीश (पंचम) अनिल कुमार ने 19 मार्च की तिथि तय की है.
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हाईकोर्ट ने क्या निर्देश दिया था
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की अदालत को निर्देश दिया है कि वह मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर पाए गए कथित शिवलिंग की निर्बाध पूजा का अधिकार मांगने वाले आवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय करे. कथित शिवलिंग की पूजा में हस्तक्षेप रोकने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के खिलाफ एक स्थायी रोक की मांग वाले वाद के लंबित रहने के दौरान उच्च न्यायालय में आवेदन (अस्थायी रोक के लिए आवेदन संख्या 6सी) दाखिल किया गया है.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर शिवलिंग मौजूद होने के संबंध में 16 मई को उस समय दावा किया गया, जब अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने कहा कि उसे मस्जिद के वुजूखाना क्षेत्र में एक शिवलिंग मिला है. इसके बाद जिला अदालत ने संबंधित क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया. मस्जिद कमेटी का दावा है कि कथित शिवलिंग एक फौव्वारा है, जबकि हिंदू पक्ष उसे शिवलिंग मान रहा है.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 12:33 IST