कुल्लू अस्पताल से जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं जिनमें बहुत बार स्पेल्लिंग मिस्टेक होती हैं। यह क्लेरिकल मिस्टेक भी होती हैं या फिर अशिक्षित अभिभावकों की लापरवाही भी होती है।
जब अभिभावक ठीक करवाने जाते हैं तो उन्हें टालमटोल करके वापिस भेज दिया जाता है। जबकि पंजीकरण विभाग की यह जिम्मेदारी है कि गलती को सुधारा जाए। उसकी कुछ औपचारिकता हो सकती है जिसे पूरा करके बच्चों के नाम ठीक किये जाएं।
मैंने स्वयं स्कूल से कुछ अभिभावक भेजे मगर उन्हें निराश लौटाया जाता है।
एक बेटी का नाम दिशा है और अंग्रेज़ी में Desha लिख दिया है। अस्पताल के बाबू Disha नहीं करना चाहते। कहते हैं चलने दो। ऐसे बहुत से केस हैं।